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10 Indian Scientists Contribution | Science I Technology I Hindi विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारतीय वैज्ञानिकों का योगदान

Contribution of Indian Scientists in Science and Technology in Hindi विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारतीय वैज्ञानिकों का योगदान

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APJ Abdul Kalam
Vipul5491 at English Wikipedia, CC0, via Wikimedia Commons


 एपीजे अब्दुल कलाम  - भारत के ग्यारहवें पूर्व राष्ट्रपति ( 2002 - 2007) एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 1931 में हुआ था और मृत्यु 2015 में हुई थी। डॉ. कलाम इसरो में एक वैज्ञानिक थे और भारत का प्रथम स्वदेसी मिसाइल (SLV-III) बनाने में इनका बहुत बड़ा योगदान था। डॉ. कलाम के अनुयायी में 1980 में पृथ्वी के कक्षा में रोहिणी उपग्रह को स्थापित किया गया था और केवल इन्ही के कारण भारत को इंटरनेशनल स्पेस क्लब में स्थान मिला था । डॉ. कलाम को इसरो लांच व्हीकल प्रोग्राम के लिए भी जाना जाता है। डॉ. कलाम को मिसाइल मैन ऑफ़ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है।

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CV Raman
Nobel Foundation, Public domain, via Wikimedia Commons

सी. वी. रमन   –  सी. वी. रमन को 1935 में भौतिक विषय में नोबेल पुरस्कार से नवाज़ा गया था। उनको भारत का सर्वोच्च पुरस्कार भारत रतन भी दिया गया था । उन्होंने प्रकाश की किरणों के फैलने को बहुत ही विस्तृत रूप में बताया था। रमन-किरण उनका बहुत ही लोकप्रिय अविष्कारों में से एक है। उनको 1957 में लेनिन शांति पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था।
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Jayant Vishnu Narlikar
Biswarup Ganguly, CC BY 3.0, via Wikimedia Commons

जयंत विष्णु नार्लीकर
जयंत विष्णु नार्लीकर एक बहुत बड़े भारतीय भौतिकीय वैज्ञानिक है । नार्लीकर हॉयल-नार्लीकर सिद्धान्त के प्रतिपादक हैं और उन्होंने बिग बैंग सिद्धांत पर भी कार्य किया हुआ है। नार्लीकर को 2004 में भारत का दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार पद्म विभूषण भी दिया गया है।

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vikram sarabhai
Jigneshnat, Public domain, via Wikimedia Commons


 विक्रम साराभाई  -विक्रम साराभाई को भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के संस्थापक के रूप में जाना जाता है । उन्होंने भारत में कुल 40 अंतरिक्ष केंद्र खोले है। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र इसरो का प्रमुख प्रक्षेपण केंद्र है। जो तिरुवनंतपुरम में स्थित है।

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Jagdish Chandra Bose

w:Patrick Geddes, Public domain, via Wikimedia Commons


 जगदीश चंद्र बोससर जगदीश चंद्र बोस एक बहुशास्त्र ज्ञानी, भौतिकशास्त्री, जीवविज्ञानी, वनस्पतिविज्ञानि, पुरातात्विक थे । उन्होंने रेडियो और माइक्रोवेव ऑप्टिक्स की खोज की जिस कारण उन्हें पुरे विश्व में रेडियोलोजी के जनक के रूप में जाना जाता है। वह भारत के पहले वैज्ञानिक थे जिन्हें अमरीकन पेटेंट प्राप्त हुआ था।

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Homi Jehangir Bhabha
Unknown (Mondadori Publishers), Public domain, via Wikimedia Commons

 होमी जहांगीर भाभाहोमी जहांगीर भाभा को भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का जनक कहा जाता है । रोचक तथ्य यह है की उन्होंने परमाणु ऊर्जा पर तब शोध करना प्रारम्भ किया जब परमाणु ऊर्जा के बारे में कोई कुछ नहीं जनता था। उनका जन्म मुंबई में हुआ था जहाँ पर उनके नाम पर भाभा एटॉमिक रिसर्च सेण्टर स्थापित है। 1974 में भारत का पहला परमाणु परीक्षण उन्हीं के कारण सफल हुआ।
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Satyendra Nath Bose
Unknown authorUnknown author, Public domain, via Wikimedia Commons

सत्येंद्र नाथ बोस  - सत्येंद्र नाथ बोस भारत के बहुत बड़े भौतिक शास्त्री थे । उन्हें क्वांटम मैकेनिज्म के कार्य के कारण जाना जाता है । बोस और आइंस्टीन ने मिलकर बोस-आइंस्टीन सिद्धांत दिया । 1954 में उनको भारत का दूसरा सबसे सर्वोच्च पुरस्कार पद्म विभूषण से दिया गया । उन्होंने भौतिक विज्ञान के अलावा जैव प्रौद्योगिकी और साहित्य में भी कई शोध किये ।

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Venkatraman Rama Krishnan
© Prolineserver 2010 / Wikipedia/Wikimedia Commons


 वेंकटरमन रमा कृष्णनवह भारतीय अमेरिकी और ब्रिटिश संरचनात्मक जीवविज्ञानी हैं। उनको 2009 में रसायन विज्ञान में राइबोसोम की संरचना और अध्ययन के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया । अभी वे रॉयल सोसायटी के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं ।

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Startchild Project NASA, Public domain, via Wikimedia Commons


 सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर  - एस चंद्रशेखर वैज्ञानिक सी.वी.रमन के भतीजे थे ।1983 में भौतिक शास्त्र पर अध्ययन के लिए उन्हें नोबेल पुरुष्कार दिया गया । उन्होंने अपने जीवनकाल में विभिन्न प्रकार की खगोलीय समस्याओं पर काम किया, जिसमें उन्होंने तारों की गति, तारों की संरचना, विकिरण हस्तांतरण, हाइड्रोजन आयनों के क्वांटम सिद्धांत, जलविद्युत और जल-चुंबकीय स्थिरता, संतुलन और दीर्घवृत्तता, संतुलन के आंकड़े, सामान्य सापेक्षता, ब्लैक होल का गणितीय सिद्धांत और गुरुत्वाकर्षण तरंगों के टकराने का सिद्धान्तों पर कार्य किया।

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Har Gobind Khorana
Unknown authorUnknown author, Public domain, via Wikimedia Commons

 हर गोबिंद खुराना
भारतीय मूल के अमेरिकी बायोकेमिस्ट थे। 1968 में फिजियोलॉजी और मेडिसिन के क्षेत्र में रिसर्च के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया । जिसमें पता चला न्यूक्लिक एसिड में न्यूक्लियोटाइड का क्रम के बारे में, सेल के आनुवंशिक कोड और डी. एन. ए. प्रोटीन्स का संश्लेषण के बारे में ।




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