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Nutrient cycle in Hindi पोषक चक्र

Nutrient cycle in Hindi पोषक चक्र

Nutrient Cycle
Hannes Grobe 19:13, 20 June 2007 (UTC), Alfred Wegener Institute for Polar and Marine Research, Bremerhaven, Germany, CC BY-SA 2.5, via Wikimedia Commons
 
पारिस्थितिक : जैविक (Biotic) (पेड़ पौधे और जंतु) और अजैविक (Abiotic) (वायु, जल,मृदा, सौर्य ऊर्जा) के बीच में पारस्परिक सम्बन्ध को पारिस्थितिक कहते है।

पारिस्थितिक तंत्र : पारिस्थितिक तंत्र में जीव मंडल अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए जीव और पर्यावरण में सम्बन्ध बनाते है । यह तंत्र मुख्य रूप से सूर्य की ऊर्जा पर निर्भर रहता है । इसमें पोषक चक्र की मदद से ऊर्जा का लगातार आदान प्रदान होता रहता है।

पोषक चक्र : पारिस्थितिक तंत्र में पोषक चक्र सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में से एक है। पोषक चक्र पर्यावरण में पोषक तत्वों के उपयोग, साइकिलिंग और रीसाइक्लिंग का वर्णन करते है। कार्बन, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, फास्फोरस और नाइट्रोजन जैसे मूल्य जीवन के लिए आवश्यक हैं और जीवों के अस्तित्व के लिए इनका पुनर्नवीनीकरण होना जरूरी है। पोषक चक्र में जीव और निर्जीव घटक शामिल होते हैं और इनमें जैविक, भूवैज्ञानिक और रासायनिक प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं। इस कारण से इन पोषक तत्वों के सर्किट को जैव रासायनिक चक्र के रूप में जाना जाता है।

जीव घटक


  • राइजोबियम : यह एक प्रकार का बैक्टीरिया है जो वायुमंडल से नाइट्रोजन को अवशोषित करके नाइट्रेट में बदल देता है। यह बैक्टीरिया लेगुमिनस फॅमिली जैसे चना,मटर,सेमफली आदि के पोधो के जड़ में पाए जाते है। 
  • केचुए और मछली : यह मृदा की उर्वरकता को बढ़ाने में मदद करते है। 

निर्जीव घटक

हवा, पानी और मिट्टी से प्राप्त होने वाले पोषक तत्व इस प्रकार है:
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  • हवा: कार्बन, ऑक्सीजन ।
  • पानी: हाइड्रोजन, ऑक्सीजन ।
  • मृदा: नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम,सल्फर, पोटैशियम,आयरन,मैगनीज,जिंक, कॉपर, क्लोरीन। 
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